नफरत
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दोस्तो आज मै आपके सामने एक नया विषय लाया हू नफरत। नफरत एक ऐसी सोच है जो किसिके मन मे या दिल मे एकबार बैठ जाये तो वो आदमी मर जाणे के बाद भी नही मिटती। ये अपने आप पर निर्भय करता है की नफरत करे या ना करे । क्योकी अगर कोई आपको बता रहा है की फलना आदमी ऐसा है ,वो बुरा है ,या और कुछ तो ये आप पे निभर करता की आप ऊस व्यक्ती से नफरत करे या ना करे। अगर करे तो क्यो करे ,आप पहले ये जान ले की वह व्यक्ती कैसा है,वह आपसे किस तरह से व्यवहार करता है। उसका अतिथ क्या है। वह सही मे बुरा है या नही। अगर कोई भी आपको अपने, दोस्त,भाई,माँ,पिताजी,बहन,या अन्य कोई भी व्यक्ती हो जीसकी बरे मे नफरत करवना सीखा रहा है ,तो सबसे पहले आप अपने आंखो पर,कानो पर, बाद मे ऊस व्यक्ती पर भरोसा ,विश्वास करे जो नफरत फैला रहा है। बाद आप नफरत करे । आज के दौर मे बहोत लोग नफरत की चिंगरी डाळ कर आग फैलने की राह देखते हुई मजा लेते है। जैसे की भारत मे हिंदू मुस्लिम मे नफरत फैलना, महाराष्ट्र मे मराठाऔर बुडिस्ट समाज मे नफरत फैलना, उत्तरप्रदेश मे लोअरकास्ट मे अत्याचार करके उनके ही खिलाफ नफरत फैलना । प्रांतिय और परप्रांतीय की नफरत फैलना ऐसे बहोत...